- वर्माजी । अचानक वह बोला
- आपकी जिस पुत्रवधू पर प्रेत की छाया है । उसके पति का नाम
क्या है?
- रामवीर वर्मा । साहिब सिंह ने असमंजस की हालत में उत्तर दिया - वह बिजली विभाग में है ।
लेकिन प्रसून जी, भगवान के लिये मुझे कुछ तो बताईये । क्योंकि मैं बेहद सस्पेंस महसूस कर रहा हूँ ।
वर्माजी जो जानना चाह रहे थे । वह साधना के नियमों के विरुद्ध था, और अदृश्य जगत के किसी भी रहस्य को सम्बन्धित आदमी को बताना तो एकदम गलत था ।
इसलिये उसने वर्माजी से झूठ बोला, और कहा - अभी मैं खुद जानने की कोशिश कर रहा हूँ, तो आपको क्या बताऊं?
- रामवीर वर्मा । साहिब सिंह ने असमंजस की हालत में उत्तर दिया - वह बिजली विभाग में है ।
लेकिन प्रसून जी, भगवान के लिये मुझे कुछ तो बताईये । क्योंकि मैं बेहद सस्पेंस महसूस कर रहा हूँ ।
वर्माजी जो जानना चाह रहे थे । वह साधना के नियमों के विरुद्ध था, और अदृश्य जगत के किसी भी रहस्य को सम्बन्धित आदमी को बताना तो एकदम गलत था ।
इसलिये उसने वर्माजी से झूठ बोला, और कहा - अभी मैं खुद जानने की कोशिश कर रहा हूँ, तो आपको क्या बताऊं?
इस उत्तर पर वर्माजी असहाय से हो गये, और बैचेनी से पहलू बदलने
लगे ।
लेकिन हकीकत कुछ और ही थी ।
डब्बू नाम के पुनर्जन्म लेने वाले बच्चे का माइंड रीड करके वह बहुत कुछ जान चुका था । हालांकि इस पुनर्जन्म हुये बालक को अभी तक न तो अपने पिछले जन्म की याद थी, और न ही उसने ऐसी कोई बात अभी तक कही थी । जैसा कि पुनर्जन्म लेने वाले बच्चे अक्सर कहते हैं ।
पर यह एक संयोग ही था कि वह अपने दादा के साथ मानसी विला आया, और प्रसून ने उसमें प्रेतत्व भाव महसूस किया, और फ़िर स्वाभाविक ही उसने उसका दिमाग रीड किया । और उसी के परिणामस्वरूप वह पहले फ़ार्म हाउस और अब नदी के किनारे खङा था ।
लेकिन हकीकत कुछ और ही थी ।
डब्बू नाम के पुनर्जन्म लेने वाले बच्चे का माइंड रीड करके वह बहुत कुछ जान चुका था । हालांकि इस पुनर्जन्म हुये बालक को अभी तक न तो अपने पिछले जन्म की याद थी, और न ही उसने ऐसी कोई बात अभी तक कही थी । जैसा कि पुनर्जन्म लेने वाले बच्चे अक्सर कहते हैं ।
पर यह एक संयोग ही था कि वह अपने दादा के साथ मानसी विला आया, और प्रसून ने उसमें प्रेतत्व भाव महसूस किया, और फ़िर स्वाभाविक ही उसने उसका दिमाग रीड किया । और उसी के परिणामस्वरूप वह पहले फ़ार्म हाउस और अब नदी के किनारे खङा था ।
यानी वह स्थान, जहाँ से इस घटना की
शुरूआत हुयी । यानी वह स्थान, जहाँ से नन्दू उर्फ़ नन्दलाल
गौतम एक जीवन की यात्रा अधूरी छोङकर किसी बदले की खातिर साहिब सिंह वर्मा के घर
उनका नाती बन के आया ।
नन्दू उर्फ़ पुनर्जन्म बालक डब्बू के दिमाग में दो घटनायें प्रमुखता से फ़ीड थी । एक तो उसका नदी में डूबकर मर जाना, और दूसरा उसकी बहन लक्ष्मी उर्फ़ लच्छो से कुछ लोगों द्वारा बलात्कार । लेकिन ये घटनायें पूरी स्पष्टता से नही थी, और वह डब्बू की छोटी उम्र को देखते हुये किसी तरह का प्रयोग उस पर नहीं कर सकता था । तब इसका सीधा सा मतलब यह था कि ये जानकारी वह रामवीर से ही हासिल करता । जो इस घटना में शामिल था, और तब आगे कोई निर्णय लेता ।
- ये जमीन । फ़िर वह खेतों की तरफ़ इशारा करके बोला - आपने हाल फ़िलहाल यानी लगभग तीन साल पहले ही खरीदी है । जो कि विवादित होने के कारण कोई ले नहीं पा रहा था, और आपने दबंग होने के कारण ले ली है । जबकि आपको सरकारी कानून की वजह से इसकी डबल रजिस्ट्री करानी पङी ।
- ओह माय गाड । साहिब सिंह के मुँह से स्वतः ही निकल गया - मैं तय नहीं कर पा रहा कि आपको क्या समझूँ, और आपसे क्या व्यवहार करूँ ।
- आप जमीन के बारे में कुछ बताईये ।
- ये जमीन । वर्माजी अजीब भाव से बोले - राजाराम गौतम की थी । राजाराम आज से नौ साल पहले स्वर्गवासी हो गया था । उसके बाद, उसके परिवार में उसकी पत्नी धनदेवी, बङा लङका नन्दू, जवान लङकी लक्ष्मी, और ग्यारह साल का छोटा लङका मुकेश रह गये थे ।
मुझे इस घटना की सच्चाई तो ठीक से नहीं मालूम । क्योंकि उस वक्त मैं गांव से बाहर था । लेकिन ऐसा कहा जाता है कि गांव के कुछ लोगों ने बाहर के लोगों के साथ लक्ष्मी से बलात्कार किया था । और इस घटना को लेकर नन्दू बदला लेने की ताक में रहने लगा था ।
लेकिन वह बेचारा कोई बदला ले पाता । इससे पहले ही नदी में नहाते हुये डूबकर मर गया । क्योंकि उसकी माँ धनदेवी के लिये गांव का माहौल खराब हो चुका था, और उस पर उसका बङा लङका असमय ही मर गया । इसलिये धनदेवी ये गांव छोङकर अपने दोनों बच्चों के साथ अपने भाई के गांव चली गयी ।
वह इस जमीन को बेचना चाहती थी । लेकिन कई दबंगों की नजर इस पर होने के कारण कोई ले नहीं पा रहा था । तब धनदेवी के भाई ने मुझसे सम्पर्क किया, और ये दस बीघा जमीन और वो महुआ आम का बगीचा मैंने उससे खरीद लिया । राजाराम और उसका परिवार बहुत ही भले थे । इसलिये उनके गांव से हमेशा के लिये चले जाने के कारण मुझे बहुत अफ़सोस हुआ ।
नन्दू उर्फ़ पुनर्जन्म बालक डब्बू के दिमाग में दो घटनायें प्रमुखता से फ़ीड थी । एक तो उसका नदी में डूबकर मर जाना, और दूसरा उसकी बहन लक्ष्मी उर्फ़ लच्छो से कुछ लोगों द्वारा बलात्कार । लेकिन ये घटनायें पूरी स्पष्टता से नही थी, और वह डब्बू की छोटी उम्र को देखते हुये किसी तरह का प्रयोग उस पर नहीं कर सकता था । तब इसका सीधा सा मतलब यह था कि ये जानकारी वह रामवीर से ही हासिल करता । जो इस घटना में शामिल था, और तब आगे कोई निर्णय लेता ।
- ये जमीन । फ़िर वह खेतों की तरफ़ इशारा करके बोला - आपने हाल फ़िलहाल यानी लगभग तीन साल पहले ही खरीदी है । जो कि विवादित होने के कारण कोई ले नहीं पा रहा था, और आपने दबंग होने के कारण ले ली है । जबकि आपको सरकारी कानून की वजह से इसकी डबल रजिस्ट्री करानी पङी ।
- ओह माय गाड । साहिब सिंह के मुँह से स्वतः ही निकल गया - मैं तय नहीं कर पा रहा कि आपको क्या समझूँ, और आपसे क्या व्यवहार करूँ ।
- आप जमीन के बारे में कुछ बताईये ।
- ये जमीन । वर्माजी अजीब भाव से बोले - राजाराम गौतम की थी । राजाराम आज से नौ साल पहले स्वर्गवासी हो गया था । उसके बाद, उसके परिवार में उसकी पत्नी धनदेवी, बङा लङका नन्दू, जवान लङकी लक्ष्मी, और ग्यारह साल का छोटा लङका मुकेश रह गये थे ।
मुझे इस घटना की सच्चाई तो ठीक से नहीं मालूम । क्योंकि उस वक्त मैं गांव से बाहर था । लेकिन ऐसा कहा जाता है कि गांव के कुछ लोगों ने बाहर के लोगों के साथ लक्ष्मी से बलात्कार किया था । और इस घटना को लेकर नन्दू बदला लेने की ताक में रहने लगा था ।
लेकिन वह बेचारा कोई बदला ले पाता । इससे पहले ही नदी में नहाते हुये डूबकर मर गया । क्योंकि उसकी माँ धनदेवी के लिये गांव का माहौल खराब हो चुका था, और उस पर उसका बङा लङका असमय ही मर गया । इसलिये धनदेवी ये गांव छोङकर अपने दोनों बच्चों के साथ अपने भाई के गांव चली गयी ।
वह इस जमीन को बेचना चाहती थी । लेकिन कई दबंगों की नजर इस पर होने के कारण कोई ले नहीं पा रहा था । तब धनदेवी के भाई ने मुझसे सम्पर्क किया, और ये दस बीघा जमीन और वो महुआ आम का बगीचा मैंने उससे खरीद लिया । राजाराम और उसका परिवार बहुत ही भले थे । इसलिये उनके गांव से हमेशा के लिये चले जाने के कारण मुझे बहुत अफ़सोस हुआ ।
लेकिन प्रसून जी, आप यह सब कुछ क्यों पूछ
रहे हैं । इसका रेशमा की परेशानी से क्या मतलब है । जिसके लिये मैं खासतौर पर आपको
लाया हूँ ।
प्रसून ने एक निगाह डब्बू पर डाली, और बोला - चलिये, आपके घर चलते हैं ।
प्रसून ने एक निगाह डब्बू पर डाली, और बोला - चलिये, आपके घर चलते हैं ।
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