पाठकों के बेहद चहेते, प्रसून सीरीज का
नवीनतम उपन्यास एक बार फ़िर आपके समक्ष है। और आशा है कि अन्य उपन्यासों की तरह यह
उपन्यास भी आपको बेहद पसन्द आयेगा। एक बार फ़िर से बता दूँ कि पाठकों द्वारा बहु
प्रतीक्षित उपन्यास ‘ओमियो तारा’ अपरिहार्य कारणोंवश शीघ्र और समय पर पूरा न हो
सका। जिसका कि मुझे हार्दिक खेद है। मेरी कोशिश रहेगी कि यथाशीघ्र इस कहानी को
पाठकों को उपलब्ध करा सकूँ। ओमियो तारा 4D यानी चतुर्थ आयामी
दुनियां की एक रहस्य दर रहस्य परतों वाली कहानी है। जो 4D के
बारे में दिलचस्प जानकारियां उपलब्ध कराती है।
प्रस्तुत उपन्यास के सम्बन्ध में
यही कहना है कि भूत-प्रेतों के अस्तित्व को लेकर प्रत्येक इंसान में एक अजीब सी
उत्सुकता, अजीब सा भय, अजीब सा रोमांच
होता है। सदियों से भूत-प्रेत अपनी गतिविधियों और विभिन्न
प्रकार की अलौकिक घटनाओं को लेकर मनुष्य के भय मिश्रित आकर्षण और जिज्ञासा का कारण
रहे हैं।
बहुत पुराने समय से ही, धार्मिक साहित्य भी भूत-प्रेतों को
मान्यता देता रहा है, और इस सम्बन्ध में ऐतिहासिक रूप से
अनेक विवरण भी मिलते हैं। क्योंकि इंसान के लिये भूत-प्रेत
सृष्टि की दूसरी अन्य चीजों के समान दृश्य नहीं होते, अतः
कभी भी उनका अस्तित्व निर्विवाद सिद्ध नहीं होता।
अलबत्ता विश्व के तमाम भागों में बसे स्त्री पुरुषों
में से कई इन अदृश्य ‘वायु रूहों’ से किसी न किसी तरह परिचित हुये, और गाहे बगाहे अच्छे बुरे परिणाम के
साथ प्रभावित भी हुये होते हैं। मौजूदा लम्बी कहानी ‘तांत्रिक का बदला’ भूत प्रेत
और उनके इंसानी जीवन से सम्बन्ध सरोकारों को लेकर है।
बेहद खुशी की बात है कि प्रसून को आपने न सिर्फ़ पसन्द
बल्कि बेहद पसन्द किया। और उससे जुङे कारनामों का पाठकों को बेसबरी से इंतजार रहता
है। अतः जैसे जैसे सम्भव होगा मैं इस तरह के कथानक आपको उपलब्ध कराने की कोशिश
करूँगा ।
- राजीव श्रेष्ठ
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