शुक्रवार, अप्रैल 22, 2011

चुङैल 2




दूसरे पङोसी यानी कब्रिस्तान का मामला अलग था । वहाँ रात के समय भागदौङ और किसी के आपस में झगङने जैसा अहसास उसे कई बार हुआ था । इसको इंसानी मामला जानकर और कोई चोर आदि का भ्रम होने से कई बार लालटेन लेकर जब वह छत पर देखने पहुँचा, तो वहाँ कोई नहीं था । अब इसके लिये टीकम सिंह एकदम क्लीयर नहीं था कि ये सच था, या उसका वहम था । पर उसे लगता यही था कि यह सच था ।
उसके बारबार पहुँचने से एक पुरुष आवाज ने उससे कहा भी था - टीकम सिंह तुम अपने घर जाओ, और हमारे बीच में दखल न दो ।
पहली बार टीकम सिंह के भय से रोंगटे खङे हो गये ।
वह उल्टे पाँव लौट आया, और फ़िर पूरी रात उसे नींद नहीं आयी । अब उसे भैंस वाले खंडहर मकान में भी भय लगने लगा था । पर गरीब आदमी होने के कारण वह अपना निजी मकान छोङकर कहाँ जाता, और कैसे जाता ।
- तुम्हारे बच्चे । प्रसून के मुँह से निकला ही था कि उसका मतलब समझ कर टीकम सिंह जल्दी से बोला - मालिक ने दिये ही नहीं । हम दो लोग ही रहते हैं वहाँ ।
- ओह, आई सी । प्रसून एक नयी सिगरेट सुलगाता हुआ बोला ।
उसने सिगरेट केस टीकम सिंह की तरफ़ बढ़ाया, तो बेहद झिझक से उसने एक सिगरेट निकाल ली । प्रसून ने उसके मुँह से लगाते ही फ़क्क से लाइटर से सिगरेट जला दी । इससे वह और झेंप सा गया ।
- कितने जिगर वाले हैं, दोनों मियाँ बीबी । प्रसून ने सोचा - जिस मकान में दिन में जाते हुये इंसान की रूह कांप जाय । उसमें आराम से रहते हैं ।
लेकिन फ़िर उसे अपना ही विचार गलत लगा ।
क्योंकि ये एक तरह का समझौता सा था, और मजबूरी भी थी ।
तभी नौकरानी चाय बिस्किट आदि रखकर चली गयी ।
प्रसून ने टीकम सिंह से इशारा करते हुये कहा - चाय पियो भाई, और बताओ कि तुम्हारी खंडहर वाली चुङैल हीरोइन कौन कौन से गाने सुनाती है ।
टीकम सिंह ने झिझकते हुये ही कप उठाया, और सुङक सुङक करता हुआ बीच बीच में बताने लगा ।
-------------------

- टीकम सिंह जी । प्रसून उसकी बात पूरी होने पर बोला - आपने गजनी फ़िल्म देखी है । जिस तरह आमिर खान को थोङी थोङी देर में भूल जाने की बीमारी थी, वैसी ही बीमारी मुझे भी है । इसलिये आपके घर चलने से पहले उसका एक नक्शा बना लेते हैं । ताकि वापसी में मैं अपने घर का रास्ता ही न भूल जाऊँ ।
कहते हुये प्रसून ने एक सामान्य सी दिखने वाली प्लेन कापर मैटल शीट टेबल पर बिछा दी । जो वास्तव में दूरस्थ प्रेतबाधा उपचार हेतु एक शक्तिशाली यंत्र का काम करती थी ।
दरअसल वह टीकम सिंह को एक जादुई खेल दिखाने का इच्छुक था ।
जिसके दो खास कारण थे ।
एक तो आज वह खुश मूड में था । दूसरे टीकम सिंह गरीब आदमी था ।


अमेजन किंडले पर उपलब्ध उपन्यास
available on kindle amazon

कोई टिप्पणी नहीं:

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
बहुचर्चित एवं अति लोकप्रिय लेखक राजीव श्रेष्ठ यौगिक साधनाओं में वर्षों से एक जाना पहचाना नाम है। उनके सभी कथानक कल्पना के बजाय यथार्थ और अनुभव के धरातल पर रचे गये हैं। राजीव श्रेष्ठ पिछले पच्चीस वर्षों में योग, साधना और तन्त्र मन्त्र आदि से सम्बन्धित समस्याओं में हजारों लोगों का मार्गदर्शन कर चुके हैं।