जो उनके लिये सबसे बङी राहत थी । दरअसल वही प्रसून के लिये
सबसे बङी आफ़त थी ।
वह चाह रहा था कि बाधा हो, और फ़ुल्ली अटैक हो, जो वह उसका कोई सिरा सूत्र पकङ सके । अगर वह वीडियो क्लिप ना
होते, तो खुद वह मानने को तैयार
नहीं होता कि जस्सी किसी गम्भीर भाव से पीङित है । यह बाधा उसके आने से क्यों नहीं
हो रही थी, यह बात भी वह भली प्रकार
जानता था । दरअसल उसके ध्यानी शरीर से निकलने वाली योग तरंगे ऐसे किसी बाह्य तरंग
को पहुँचने से पहले ही नष्ट कर देती थी ।
इसलिये अब तक बस वह इतने ही निर्णय पर पहुँचा था कि ये किसी तरह की सामान्य प्रेतबाधा नहीं थी, नींद में चलने का रोग भी नहीं था । उसके दिमाग में किसी तरह की कोई ऐसी मेमोरी भी उसे नहीं मिली थी, जो ऐसे अटैक का कारण हो सकती थी ।
इसलिये अब तक बस वह इतने ही निर्णय पर पहुँचा था कि ये किसी तरह की सामान्य प्रेतबाधा नहीं थी, नींद में चलने का रोग भी नहीं था । उसके दिमाग में किसी तरह की कोई ऐसी मेमोरी भी उसे नहीं मिली थी, जो ऐसे अटैक का कारण हो सकती थी ।
और तब बहुत बार सोचने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुँचा था कि
जस्सी के ‘कारण शरीर’ में कोई ऐसा संस्कार जमा है, जो उसके पूर्वजन्म से सम्बन्धित है । और जब वह किसी विशेष
बिन्दु पर पहुँचकर उस संस्कार से जुङती है । तब उसके साथ वो चक्रवाती घटना घटित
होती है ।
और वो विशेष बिन्दु कुछ भी हो सकता है । उसी तरह का कोई दृश्य, कोई सोच, कोई चीज, कोई भावना, कोई इंसान आदि कुछ भी ।
ये पेशेंट की तरफ़ का एक पक्ष था, और इसमें कोई चिन्ता जैसी बात कम से कम उसके लिये नहीं थी । वह
थोङे प्रयास से योग द्वारा जस्सी को उस ‘कारण संस्कार’ से जोङकर उस कारण को ही जला
देता, और जस्सी हमेशा के लिये
मुक्त होकर ठीक हो जाती ।
और तब उसे इसके दूसरे पक्ष, दूसरी संभावना का ख्याल आया, और उसके बारे में सोचते ही वह काँप गया । अगर वह बात थी, तो सिर्फ़ खतरनाक ही नहीं, बेहद खतरनाक थी । कम से कम इतनी खतरनाक कि उसे भी एक युद्ध सा लङना पङता, और उस युद्ध का अंजाम कुछ भी हो सकता है । स्वयँ उसकी मौत, या फ़िर जस्सी की भी ।
उसने ड्राइव करते हुये बगल में बैठी उस अप्सरा को देखा । जो ऐसी किसी भी सोच से बेपरवाह सी अधमुँदी आँखों से कहीं खोयी हुयी थी । और तब ही प्रसून को पहली बार अहसास हुआ कि उसने किसी प्रेमिका की भांति अपना सिर उसके कन्धे से टिका रखा था । वह उससे एकदम सटकर बैठी थी और उसका मरमरी गोरा हाथ उसकी गोद में रखा हुआ था । कमाल था, वह अपनी भावनाओं में इस कदर खो गया था कि उसे एक जवानी की गरमाहट भी महसूस नहीं हुयी थी ।
सङक पर काफ़ी अंधेरा फ़ैल गया था ।
और तब उसे इसके दूसरे पक्ष, दूसरी संभावना का ख्याल आया, और उसके बारे में सोचते ही वह काँप गया । अगर वह बात थी, तो सिर्फ़ खतरनाक ही नहीं, बेहद खतरनाक थी । कम से कम इतनी खतरनाक कि उसे भी एक युद्ध सा लङना पङता, और उस युद्ध का अंजाम कुछ भी हो सकता है । स्वयँ उसकी मौत, या फ़िर जस्सी की भी ।
उसने ड्राइव करते हुये बगल में बैठी उस अप्सरा को देखा । जो ऐसी किसी भी सोच से बेपरवाह सी अधमुँदी आँखों से कहीं खोयी हुयी थी । और तब ही प्रसून को पहली बार अहसास हुआ कि उसने किसी प्रेमिका की भांति अपना सिर उसके कन्धे से टिका रखा था । वह उससे एकदम सटकर बैठी थी और उसका मरमरी गोरा हाथ उसकी गोद में रखा हुआ था । कमाल था, वह अपनी भावनाओं में इस कदर खो गया था कि उसे एक जवानी की गरमाहट भी महसूस नहीं हुयी थी ।
सङक पर काफ़ी अंधेरा फ़ैल गया था ।
और वह जैसे बिना किसी उद्देश्य के जस्सी के साथ ड्राइव पर था ।
बराङ दम्पत्ति ने उसके जेंटलमेनी नेचर, और उससे जस्सी की शादी की कल्पना करके उसे खुली छूट दे रखी थी
। और स्वयं जस्सी भी किसी प्रेमिका की भांति अधिकतर उसके आसपास ही रहती थी । बस
दोनों की सोच में भिन्नता थी । प्रसून उस अज्ञात रहस्य की खोज में उसके नजदीक था ।
जबकि जस्सी और बराङ दम्पत्ति उसे लङका लङकी का प्रेम आकर्षण समझते हुये मुग्ध हो
रहे थे ।
उसका ध्यान फ़िर से दूसरे पक्ष पर गया । और वो दूसरा पक्ष ये था कि किसी अज्ञात भूमि से यह संस्कार आ रहा हो । जिसमें कनेक्टविटी उल्टी यानी उधर से होती हो, और ऐसा सम्पर्क होते ही जस्सी के साथ वह चक्रवाती घटना होती हो । और शायद इसीलिये उसके पास इसका कोई रिकार्ड नहीं था ।
उसका ध्यान फ़िर से दूसरे पक्ष पर गया । और वो दूसरा पक्ष ये था कि किसी अज्ञात भूमि से यह संस्कार आ रहा हो । जिसमें कनेक्टविटी उल्टी यानी उधर से होती हो, और ऐसा सम्पर्क होते ही जस्सी के साथ वह चक्रवाती घटना होती हो । और शायद इसीलिये उसके पास इसका कोई रिकार्ड नहीं था ।
और तब ये दिमाग की मेमोरी का मामला नहीं था । बल्कि यह किसी
ऊँचे नीचे लोक से जुङा मामला था, जो करोंङों इंसानी ग्रन्थियों में से किसी एक से जुङता हो । तब
ये बहुत कठिन बात थी, और यही वो बात भी थी कि
प्रसून की पूरी पूरी दिलचस्पी इस केस में थी ।
जब
किसी जीवित इंसान को कहीं अज्ञात भूमि में बैठा हुआ कोई शख्स प्रभावित कर रहा हो ।
वह क्यों प्रभावित कर रहा है, क्या
चाहता है, उसके इरादे क्या हैं? ऐसे अनेक प्रश्न उसके दिमाग में
तैर रहे थे । और इसके लिये उसे फ़िर से एक बार सूदूर अंतरिक्ष के किसी अज्ञात से
लोक में जाना पङ सकता था । पर कहाँ, ये
अभी उसे खुद भी पता नहीं था ।अमेजोन किंडले पर उपलब्ध
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