प्रसून के दिलोदिमाग में इस अंधेरे को लेकर बारबार एक ही बात आ
रही थी कि जस्सी को ज्यादातर अटैक रात, यानी अंधेरे में ही होते थे, और स्वयँ उसके सामने वाला अटैक भी अंधेरे में ही हुआ था । या
कहना चाहिये कि उसकी बहुतेरी कोशिश से किसी तुक्के के समान तीर निशाने पर जा लगा
था । बस उसी तुक्के की उसे दोबारा तलाश थी ।
वो प्वाइंट, जिससे जस्सी अज्ञात भूमि से जुङती थी । वो सूत्र, वो सिरा, जो कहीं न कहीं उसे शायद उसके गुजरे अतीत से जोङ देता था । वो क्या
था?
और तब उसे उस टार्जन लुक नाविक मछुआरे का ध्यान आया । जिसे जस्सी दरिया में डूबने से पहले पुकारती थी । क्या वह उसका पूर्वजन्म का प्रेमी था । क्या मन में सेक्स भावना उठने पर, उसे वह अटैक होता था । या प्रेमी की अचेतन में दबी याद की वजह से ।
और तब उसे उस टार्जन लुक नाविक मछुआरे का ध्यान आया । जिसे जस्सी दरिया में डूबने से पहले पुकारती थी । क्या वह उसका पूर्वजन्म का प्रेमी था । क्या मन में सेक्स भावना उठने पर, उसे वह अटैक होता था । या प्रेमी की अचेतन में दबी याद की वजह से ।
प्रेमी !
एक तरह से अभी, वह भी उसका प्रेमी था । उसने गाङी साइड में लेकर रोक दी, और कार के स्टीरियो में कार से ही लेकर शकीरा की सीडी प्ले कर
दी । बहुत हल्की आवाज में गूँजती शकीरा की मादक सेक्सी आवाज जस्सी के दिल में चाहत
की हिलोरें सी पैदा करने लगी ।
प्रसून उसकी तरफ़ सरक आया और उसने सिगरेट सुलगा ली । ऐसा लग
रहा था जैसे वह कुछ टाइम शान्ति से सुस्ताने के मूड में हो । उसने गाङी की सीट को
भी पीछे सरका दिया था और फ़ैला दिया था । जस्सी को मानों ये भगवान ने वरदान दिया
हो । वह उसकी गोद में लेट गयी और उसके हाथ अपने सीने पर रख लिये । प्रसून हौले हौले उसके उरोजों पर सहलाने लगा ।
वह ब्रा नहीं पहने थी । उसके रेशमी वस्त्र के ऊपर से फ़िसलन
भरा सा हाथ जस्सी के बदन में काम-तरंगे तेजी से फ़ैला रहा था । एक समझदार प्रेमिका
की भांति उसने शर्ट के दो बटन खोल दिये । तब उसका अभिप्राय समझकर प्रसून ने अन्दर
हाथ डाल दिया ।
- आपको ! वह मादकता से भरपूर लरजते स्वर में बोली - अच्छे लगते हैं ।
- अगर न कहूँ । वह उसकी आँखों में झांकता हुआ बोला - तो यह एकदम झूठ होगा । नारी स्तन एक दूध पीते बच्चे से लेकर शक्तिशाली देवताओं को भी आकर्षित करते हैं और सर्वाधिक प्रिय होते हैं । ये एक सम्पूर्ण नारी का सौन्दर्य आधार है । खुद नारी इनको मनोहर रूप में पाकर स्वयँ को गौरवान्वित महसूस करती है । ये किसी नारी की खूबसूरती के सबसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं में से एक हैं ।
- आप जादूगर हो प्रसून जी ! वह उसकी छाती पर हाथ फ़िराती हुयी बोली - आपकी बातों में जादू है, व्यक्तित्व में जादू है, आपकी निगाहों में जादू है, आप एक पूर्ण पुरुष हो । कोई भी लङकी आपको देखने के बाद सिर्फ़ आपको ही पाने की तमन्ना करेगी और वह अपने आपको आप पर कुरबान कर देगी । आपने मुझे इनके बारे में बताया कि सबकी पसन्द होते हैं..और वो?
प्रसून ने फ़ौरन अपनी मुस्कराहट को निकलने से रोका ।
- आपको ! वह मादकता से भरपूर लरजते स्वर में बोली - अच्छे लगते हैं ।
- अगर न कहूँ । वह उसकी आँखों में झांकता हुआ बोला - तो यह एकदम झूठ होगा । नारी स्तन एक दूध पीते बच्चे से लेकर शक्तिशाली देवताओं को भी आकर्षित करते हैं और सर्वाधिक प्रिय होते हैं । ये एक सम्पूर्ण नारी का सौन्दर्य आधार है । खुद नारी इनको मनोहर रूप में पाकर स्वयँ को गौरवान्वित महसूस करती है । ये किसी नारी की खूबसूरती के सबसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं में से एक हैं ।
- आप जादूगर हो प्रसून जी ! वह उसकी छाती पर हाथ फ़िराती हुयी बोली - आपकी बातों में जादू है, व्यक्तित्व में जादू है, आपकी निगाहों में जादू है, आप एक पूर्ण पुरुष हो । कोई भी लङकी आपको देखने के बाद सिर्फ़ आपको ही पाने की तमन्ना करेगी और वह अपने आपको आप पर कुरबान कर देगी । आपने मुझे इनके बारे में बताया कि सबकी पसन्द होते हैं..और वो?
प्रसून ने फ़ौरन अपनी मुस्कराहट को निकलने से रोका ।
एक लङका, एक लङकी । एक पुरुष, एक स्त्री । एक आदमी, एक औरत ।
जब अपनी तमाम सामाजिक बेङियों, मर्यादाओं को हटाकर जवां तन्हाई के एकान्तमय सामीप्य में होते
हैं । तब वे सिर्फ़ प्रेमी होते हैं और इसके अलावा कुछ नहीं होते । उसके पूछते ही
प्रसून को किसी विदेशी लेखक की यह महत्वपूर्ण सूक्ति याद हो आयी..यह कोई ऐसी चीज
नहीं, जिसको यूज न करने से इस पर
सोने की फ़सल उगने लगेगी । पर वह अपनी शिष्टता के चलते इस पर कोई कमेंट नहीं कर पाया ।
जस्सी की बङी बङी आँखों में चाहत भरे मौन आमन्त्रण के साथ
हल्की सी शरारत चंचलता झलक रही थी । जैसे ही प्रसून का हाथ सामान्य होकर उसके शरीर
से अलग ठहर जाता । वह फ़िर से उसे थामकर अपने सीने से लगा लेती ।
- मुझे ये वो का तो पता नहीं । वह उसके रेशमी बालों में उँगलिया घुमाता हुआ बोला - पर ये सच है कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, और सच में तुम हो भी बहुत अच्छी..एक पूर्ण प्रेमिका ।
जस्सी फ़ौरन उठकर बैठ गयी । उसके अधरों मे तेज कंपकंपाहट हो रही थी । उसका सारा शरीर कंपित सा हो रहा था । तेज भावावेश में उसने अपने होंठ प्रसून के होठों से चिपका दिये ।
- मुझे ये वो का तो पता नहीं । वह उसके रेशमी बालों में उँगलिया घुमाता हुआ बोला - पर ये सच है कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, और सच में तुम हो भी बहुत अच्छी..एक पूर्ण प्रेमिका ।
जस्सी फ़ौरन उठकर बैठ गयी । उसके अधरों मे तेज कंपकंपाहट हो रही थी । उसका सारा शरीर कंपित सा हो रहा था । तेज भावावेश में उसने अपने होंठ प्रसून के होठों से चिपका दिये ।
बस यही तो वह योगी चाहता था । उसका अब तक का सारा प्रयास इसी
के लिये था । उसकी तरफ़ से कामगति का बहना । यही बात, यही पहल, वो अपनी तरफ़ से भी कर सकता था । पर वो कामगति की विपरीत धारा
होती । तब वह सिर्फ़ समर्पण की मुद्रा में हो जाती । जबकि बहाव उसकी तरफ़ से ही
होना जरूरी था ।
क्रिया एक ही थी । खेल एक ही था । पात्र भी एक ही थे । पर घटना
में बहुत अन्तर था । उसके परिणामों में बहुत अन्तर था ।
अमेजोन किंडले पर उपलब्ध
available on kindle amazon
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें