शनिवार, अप्रैल 10, 2010

परमात्मा का नाम जिह्वा के द्वारा उच्चारण में आने वाला नहीं .

परमात्मा का नाम क्या है ???
नाम - परमात्मा का नाम जिह्वा के द्वारा उच्चारण में आने वाला नहीं .जबकि सारे वर्ण उच्चारण में आते हैं . वह नाम ध्वनात्मक रूप वाला प्राण में निवास करता है जिससे वाणी आदि उत्पन्न हुयी . हम सारे नाम जानते हैं . राम ,कृष्ण , ईश्वर , खुदा ,गाड , बुद्ध ,परमात्मा , भगवान आदि को ही उस परमब्रह्मपरमेश्वर का नाम समझते हैं .
ब्रह्म राम ते नाम बङि , वरदायक वर दान .
राम चरित सत कोट मह , लिय महेश जिय जान .
यह जो परमात्मा का नाम है वह राम से बङा तथा ब्रह्मा से भी श्रेष्ठ है .इससे यह सिद्ध होता है कि नाम कोई और है जो राम अक्षरों से भी विलक्षण है क्योंकि नाम के ही प्रभाव से राम के चरित्र को शिवजी ने सतकोट में ही जान लिया है . ऐसा वह नाम सबका वरदान तथा वरदाता है . ऐसा वह प्रभावशाली परमात्मा का नाम है .??
जासु नाम सुमरति एक बारा , उतरहिं नर भव सिन्धु अपारा .
राम नाम मनि दीप धरु , तुलसी भीतर बाहिरहु जो चाहिय उजियार .
जीभ के आखिरी सिरे रखकर यानी प्राण के ध्वनात्मक नाम का दहलीज पर रखकर ध्यान करें तो अन्दर बाहर दोनों और उजाला हो जायेगा .ऐसा वह नाम गुण वाला है .

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बहुचर्चित एवं अति लोकप्रिय लेखक राजीव श्रेष्ठ यौगिक साधनाओं में वर्षों से एक जाना पहचाना नाम है। उनके सभी कथानक कल्पना के बजाय यथार्थ और अनुभव के धरातल पर रचे गये हैं। राजीव श्रेष्ठ पिछले पच्चीस वर्षों में योग, साधना और तन्त्र मन्त्र आदि से सम्बन्धित समस्याओं में हजारों लोगों का मार्गदर्शन कर चुके हैं।